Sunday, April 27, 2014



MARY ELIZABETH COLERIDGE 
(23 SEPTEMBER 1861-25 AUGUST 1907)

इंग्लिश कवयित्री मैरी एलीज़ाबेथ कोलरिज (1861-1907)  
की एक कविता का हिन्दी भावानुवाद (द्वारा: आनंदकृष्ण)
None ever was in love with me but grief.   
   She wooed my from the day that I was born;
She stole my playthings first, the jealous thief,   
   And left me there forlorn.

The birds that in my garden would have sung,   
   She scared away with her unending moan;
She slew my lovers too when I was young,   
   And left me there alone.

Grief, I have cursed thee often--now at last   
   To hate thy name I am no longer free;
Caught in thy bony arms and prisoned fast,   
   I love no love but thee.

मुझसे किसी ने प्यार नहीं किया
किन्तु पीड़ा ने किया । 
वह मेरे जन्म से मेरा साथ गहे है ।
ह ईर्ष्यालु चोर
जिसने पहले मेरे खिलौने चुराये
और फिर छोड़ दिया मुझे मेरी रिक्तता के साथ ।

मेरे बाग में चहकती चिड़ियाँ 
उसकी अंतहीन कराहों से डरती हैं ।
उसने मुझसे मेरी मुहब्बत छीन ली जब मुझे उसकी ज़रूरत थी । 
और फिर छोड़ दिया मुझे एकाकी ।

ओ मेरे पीड़ा ! मैं तुझसे नाराज़ हूँ, पर-
मेरे पास वक़्त नहीं बचा है तुझसे नफरत करने का ।
तेरी बलिष्ठ बाँहों में जकड़ कर क़ैद हुई मैं-
प्रेम नहीं, बस तुझे ही चाहती हूँ ।