MARY ELIZABETH COLERIDGE
(23 SEPTEMBER 1861-25 AUGUST 1907)
इंग्लिश कवयित्री मैरी
एलीज़ाबेथ कोलरिज (1861-1907)
की एक कविता का हिन्दी
भावानुवाद (द्वारा: आनंदकृष्ण)
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None ever was in love with me but grief.
She
wooed my from the day that I was born;
She stole my playthings first, the jealous
thief,
And left
me there forlorn.
The birds that in my garden would have sung,
She
scared away with her unending moan;
She slew my lovers too when I was young,
And left
me there alone.
Grief, I have cursed thee often--now at last
To hate
thy name I am no longer free;
Caught in thy bony arms and prisoned fast,
I love
no love but thee.
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मुझसे किसी ने प्यार नहीं किया
किन्तु पीड़ा ने किया । वह मेरे जन्म से मेरा साथ गहे है । वह ईर्ष्यालु चोर जिसने पहले मेरे खिलौने चुराये और फिर छोड़ दिया मुझे मेरी रिक्तता के साथ । मेरे बाग में चहकती चिड़ियाँ उसकी अंतहीन कराहों से डरती हैं । उसने मुझसे मेरी मुहब्बत छीन ली जब मुझे उसकी ज़रूरत थी । और फिर छोड़ दिया मुझे एकाकी । ओ मेरे पीड़ा ! मैं तुझसे नाराज़ हूँ, पर- मेरे पास वक़्त नहीं बचा है तुझसे नफरत करने का । तेरी बलिष्ठ बाँहों में जकड़ कर क़ैद हुई मैं- प्रेम नहीं, बस तुझे ही चाहती हूँ । |